Saturday , 7 December 2019
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लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. सीबीआई की टीम शुक्रवार सुबह पटना में लालू यादव के घर पहुंची. पटना के अलावा दिल्ली, रांची, पुरी, गुड़गांव समेत लालू के 12 ठिकानों पर तलाशी चल रही है. बतौर रेल मंत्री टेंडर में हेराफेरी के आरोप में सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि 2006 में उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए बीएनआर ग्रुप के होटलों के रखरखाव का ज़िम्मा एक प्राइवेट फ़र्म को दे दिया और बदले में ज़मीन ली. इस मामले में तत्कालीन आईआरसीटीसी के पूर्व एमडी और प्राइवेट कंपनी के दो डायरेक्टर्स के घर भी सीबीआई की तलाशी चल रही है.
इस मामले में आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, ‘ये लालू जी पर होना ही था. पार्टी के स्थापना दिवस पर लालू जी ने कहा था कि अगर जेल चला गया तो क्या होगा. सीबीआई और आयकर विभाग का इसी ढंग से इस्तेमाल हो रहा है. इससे लालू यादव ख़त्म नहीं होंगे, इससे लालू यादव और मजबूत होंगे.’
क्या है मामला
दरअसल ये मामला 2006 का है. उस वक्त रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव थे. सीबीआई को लगता है कि लालू ने रेलवे के होटलों की चेन बीएनआर होटल ग्रुप के रखरखाव का ठेका यानी टेंडर नियमों की अनदेखी करते हुए प्राइवेट कंपनियों को दिया था और इसकी एवज़ में उन्हें ज़मीन दी गई थी. इस आरोप के मद्देनज़र शुक्रवार को 12 अलग-अलग जगहों पर सीबीआई तलाशी कर रही है. निजी कंपनी ने टेंडर के बदले लालू को फ़ायदा दिया. कंपनी ने टेंडर के बदले लालू को बड़ी ज़मीन दी. उस जमीन पर पटना में मॉल का निर्माण किया गया.
क्या है मामला
दरअसल ये मामला 2006 का है. उस वक्त रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव थे. सीबीआई को लगता है कि लालू ने रेलवे के होटलों की चेन बीएनआर होटल ग्रुप के रखरखाव का ठेका यानी टेंडर नियमों की अनदेखी करते हुए प्राइवेट कंपनियों को दिया था और इसकी एवज़ में उन्हें ज़मीन दी गई थी. इस आरोप के मद्देनज़र शुक्रवार को 12 अलग-अलग जगहों पर सीबीआई तलाशी कर रही है. निजी कंपनी ने टेंडर के बदले लालू को फ़ायदा दिया. कंपनी ने टेंडर के बदले लालू को बड़ी ज़मीन दी. उस जमीन पर पटना में मॉल का निर्माण किया गया.
यह भी आरोप है कि बिहार के पटना में लालू प्रसाद यादव ने मॉल बनाने में पर्यावरण नियमों की अनदेखी की. इस मॉल को बनाने में पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं लिया गया. ये बात बिहार सरकार ने पटना हाइकोर्ट में दिए गए हलफ़नामे में कही है. सरकार ने माना है कि मॉल बनाने में नियमों को ताक पर रख दिया गया. फिलहाल इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है.