Tuesday , 10 December 2019
चंडीगढ़ : शनिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरने का भारत के पास बेहतरीन मौक़ा होगा और इसमें अफ़ग़ानिस्तान का साथ मिलने की पूरी उम्मीद है. भारत और अफ़ग़ानिस्तान दोनों ख़ुद को पड़ोसी देश की ज़मीन से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार बताते रहे हैं.
4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफ़ग़निस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे. सम्मेलन में पाकिस्तान की अगुवाई प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ करेंगे.
3 और 4 दिसंबर को होने वाले इस सम्मेलन में 40 देशों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. यूँ तो हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन का मुख्य अजेंडा अफ़ग़ानिस्तान का विकास है. लेकिन पहले उड़ी और फिर नगरोटा आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत मिले हैं, ऐसे में भारत की कोशिश रहेगी कि सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद का मुद्दा सम्मेलन के दौरान प्रमुखता से उठाया जाए.