Saturday , 7 December 2019
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में शराबबंदी के बाद से पिछले सात महीने में लोगों की खुशहाली बढ़ने का दावा करते हुए बुधवार को कहा कि पिछले वर्ष 2015 के अप्रैल से नवंबर की तुलना में 2016 में इस अवधि के दौरान दो, तीन और चार पहिया वाहन की बिक्री बढ़ गयी है.
नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के बाद से पिछले सात महीने के दौरान चार पहिया वाहनों में कार और ट्रैक्टर बिक्री 29 प्रतिशत तथा मोटरसाइकिल और ऑटोरिक्शा की बिक्री 31.6 प्रतिशत बढ़ गयी है. नीतीश ने दोहराया कि शराबबंदी के बाद से प्रदेश में दूध की बिक्री में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और रसगुल्ले, पेड़े और गुलाब जामुन आदि मिठाई की बिक्री 15 प्रतिशत से अधिक बिक्री बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सिले हुए कपड़े की बिक्री में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा दूसरे प्रकार के अन्य उपभोक्ता सामान की बिक्री भी बढ़ गयी है.
अपनी निश्चय यात्रा के क्रम में अररिया जिला में एक चेतना सभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने प्रदेश में शराबबंदी के बाद से पिछले सात महीने में लोगों की खुशहाली बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि इस वर्ष अप्रैल से नवंबर तक के आंकड़े को देखें तो पिछले वर्ष इस अवधि की तुलना में दो, तीन और चार पहिया वाहन की बिक्री बढ़ गयी है.
नीतीश ने कहा कि इससे पूर्व शराब पर प्रत्येक साल लोगों का दस हजार करोड़ ऱपये बर्बाद होता था, पर शराबबंदी के बाद अब उनकी आर्थिक स्थिति बदली है और वे अब उसे बेहतर काम में लगा रहे हैं. पहले जिस पैसे को लोग शराब पर खर्च किया करते थे उसे अब वे उसे अपनी मूलभूत आवश्यकता सहित अन्य जरूरतों को पूरी करने के साथ स्वास्थ्यवर्धक भोजन पर खर्च कर रहे हैं.
नीतीश ने शराबबंदी के बाद से प्रदेश में अपराध में कमी आने के अपने दावा को फिर दोहराते हुए कहा कि कि प्रदेश में उत्पाद और नशे को छोड़कर कुल मिलाकर संज्ञेय अपराध के मामलों में भारी कमी आयी है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2015 के अप्रैल से नवंबर की तुलना में 2016 में इस दौरान हत्या के मामले में 24 प्रतिशत की कमी आयी है. इसी प्रकार से डकैती में 26 प्रतिशत, लूट के मामले में 16 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण के मामले में 48 प्रतिशत, भीषण दंगे के मामले में 37 प्रतिशत और सड़क दुर्घटना के मामलों में 19 प्रतिशत की कमी आयी है.
नीतीश ने कहा कि बहुत लोग उनकी आलोचना करते हैं कि शराबबंदी के कारण सरकारी राजस्व में करीब 5000 करोड रुपये का नुकसान हुआ, पर वे उसे नुकसान नहीं मानते क्योंकि सरकार के खजाने में पांच हजार करोड रुपये नहीं आता है. मगर लोगों के घर के दस हजार करोड़ रुपये बच गए जिससे वे अपनी जरूरत के सामान खरीद रहे हैं जिससे व्यापार और रोजगार बढ़ेगा तथा इससे सरकार की भी आमदनी बढ़ेगी.
नीतीश ने बिहार के तर्ज पर गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में शराबबंदी की मांग करते हुए कहा कि शराबबंदी के पक्ष में चलाए जाने वाले इस दो महीने के अभियान के दौरान शराबबंदी के साथ-साथ नशामुक्ति का भी अभियान चलाया जाएगा और जब नशामुक्त बिहार बनेगा तो नशामुक्त भारत बनने की प्रेरणा शुरू हो जाएगी तथा जब भारत नशामुक्त होगा तो यह देश दुनिया में एक नंबर का देश बनेगा और फिर से गौरव के स्थान को प्राप्त करेगा. इस अवसर राज्य के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर उपस्थित थे.
नीतीश ने कहा कि शराबबंदी के पक्ष में अगले वर्ष 21 जनवरी से फिर से फिर से अभियान छेड़ा जाएगा जो कि अगामी 22 मार्च तक चलेगा जैसे शराबबंदी लागू करने के पहले चला था और इसके तहत पहला कार्यक्रम 21 जनवरी को बिहार के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक (पूर्णिया से गोपालगंज और कैमूर से भागलपुर एवं बांका जिला तक) दो करोड़ लोगों की मानव श्रृंखला का निर्माण किया जाएगा, जो रिकॉर्ड होगा. न सिर्फ प्रदेश के पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण बल्कि हर जिले में एक मानव श्रृंखला का निर्माण किया जाएगा जिसमें 45 मिनट तक लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर शराबबंदी के पक्ष में खड़े रहेंगे.