नई दिल्ली। गर्मियों के मौसम में पुदीने की भीनी खुशबू और लाजवाब स्वाद कौन भूल सकता है। पुदीने की पत्तियों में विटामिन ए, बी, सी, डी और ई, के साथ कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन की प्रचूर तत्व मौजूद होते हैं। आयुर्वेद में पुदीने को वायुनाशक जड़ी-बूटी के रूप में देखा जाता है, जो सीने में जलन, एसीडिटी, मितली आदि में राहत देता है। इसके पत्ते को चबाकर खाने से पेट दर्द और आंतों की ऐंठन में आराम मिलता है।
मुंह में बदबू आने पर पुदीने का सेवन करना चाहिए। पुदीने के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह की बदबू दूर होती है। इससे मुंह में ठंडक का भी एहसास होता है।
खांसी होने पर शहद के साथ थोड़ा अदरक का रस और थोड़ा पुदीने का रस मिलाकर सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।
पुदीना कई प्रकार के चर्म रोगों को समाप्त करता है। चर्म रोग होने पर पुदीना के पत्तों का लेप लगाने से आराम मिलता है।
पुदीने के रस से कुल्ला करने से मुंह के छालों से मुक्ति मिलती है।
हैजा होने पर पुदीना बहुत फायदा करता है। हैजा होने पर पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
महिलाओं को पुदीने का नियमित सेवन करना चाहिए इससे थोड़े ही दिनों में मासिक धर्म में होने वाली परेशानीयां दूर होती हैं।

उल्टी होने पर आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे पर रोगी को पिलाइए, इससे उल्टी आना बंद हो जाएगा।
अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से फायदा होता है।
बुखार व न्यूमोनिया में शहद के साथ पुदीने का रस मिलाकर सेवन करने से फायदा मिलता है।
हिचकी आने पर शक्कर के साथ पुदीने की पत्तियों को चबाकर सेवन करें।
प्रतिदिन पुदीने की पत्तीयों को चबाने से दांतों और मसूड़ों की परेशानियों दूर होती है।