असुरक्षित यौन संबंधों को लेकर लोगों में कई प्रकार की दुविधा होती है। सही स्रोतों से जानकारी के अभावों में युवा अक्सर इसे लेकर अनिश्चितता में रहते हैं। वह यही सोचते हैं कि यौन संबंधों का मतलब है सेक्स के दौरान सावधानियां बरतना। लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि असुरक्षित यौन संबंधों का अर्थ है यौन संचारित रोगों को जानना, संक्रमण की संभावनाओं इत्यादि के बारे में जागरूक होना। आइए जानें असुरक्षित यौन संबंध आखिर है क्या।

सेक्स के दौरान, सेक्स से पहले खासतौर पर सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं। असुरक्षित यौन संबंध के कारण होने वाली बीमारियों की सूची लंबी है, लेकिन थोड़े संयम और सावधानी अपनाकर इनसे बचा जा सकता है।
- असुरक्षित यौन संबंधों का अर्थ है, सेक्स के दौरान सावधानियां न बरतना। इन सावधानियों में जरूरी है कि सेक्स जोर-जबरदस्ती से न किया जाए।
- माहवारी के दौरान सेक्स करने से संक्रमण की संभावना बढ जाती है।
- एक से ज्यादा साथी फिर चाहे वह महिला हो या पुरूष के साथ संबंध बनाने से संक्रमण हो सकता है।
- असुरक्षित यौन संबंधों के दौरान यौन संचारित रोगों के होने का खतरा बना रहता है।
- बहुत अधिक कंट्रासेप्टिक पिल्स का सेवन, पहली बार सेक्स के दौरान कंडोम का सेवन न करना असुरक्षित यौन संबंधों के अंतगर्त आता है।
- प्रोफेशनल सेक्स वर्कर से संपर्क बनाने से भी संक्रमण की संभावना रहती है।
- सामूहिक रूप से सेक्स करना यानी एक ग्रुप में आपस में एक-दूसरे के साथ सेक्स करना भी असुरक्षित यौन संबंधों के अंतर्गत शामिल है।
- वाइफ स्वैपिंग यानी एक दूसरे के पार्टनर को एक रात के लिए बदलने से भी असुरक्षित यौन संबंधों का खतरा रहता है।
- पुरूष या महिला में से किसी को यौन संबंधी इंफेक्शेन होने से भी संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
- ओरल सेक्स से भी इंफेक्शन होने का खतरा लगातार बरकरार रहता है। इसीलिए ओरल सेक्स में साफ-सफाई का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।