वियाग्रा, एक प्रकार की दवा होती है जो पुरूषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के काम आती है। साधारण तौर पर लोग इसे उत्तेजना लाने के लिए खाने वाली दवा मानते हैं। अगर यही दवा महिलाएं खा लें तो क्या होगा। क्या महिलाओं में भी वियाग्रा के सेवन से उत्तेजना आ सकती है। ऐसे कई सवाल हजारों लोगों के मन में उठते हैं। गौरतलब बात यह है कि महिला और पुरूष के शरीर की संरचना में फर्क होता है, उनके शरीर के हारमोन्स और अंदरूनी क्रियाविधि में भी अंतर होता है। ऐसे में अगर महिला, वियाग्रा का सेवन कर भी लेती है तो उसके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
आजकल, मार्केट में कई प्रकार के सप्लीमेंट्स आते हैं जिनके सेवन करने पर महिला की सेक्स करने की इच्छा बढ़ जाती है। लेकिन अभी भी ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि वाकई में ऐसा दवा से होता है या मानसिक रूप से दृढ़ता आ जाती है। महिलाओं के लिए वियाग्रा की तरह आने वाली दवा, फ्लिबान्सेरिन है, जो दिमाग को प्रभावित करती है।
इस दवा का प्रयोग सबसे पहले बंदरों पर किया गया था। प्रयोग के बाद वैज्ञानिकों को चौंकाने वाले तथ्य मिले। जब ब्रेन का मेटोबोल्जिम धीमा पड़ जाता था, तो दवा धीरे से अपना असर करना शुरू कर देती थी।

आखिरकार, फीमेल वियाग्रा किस प्रकार कार्य करती है? यह दवा, महिला के दिमाग पर असर डालती है जिससे महिला को पुरूष का स्पर्श अच्छा लगने लगता है। उन्हें अंदर से इच्छा होने लगती है और वे, मानसिक रूप से सिर्फ एक ही दिशा में सोचने लग जाती हैं।
जिन महिलाओं को कई कारणों से शारीरिक सम्बंधों में रूचि नहीं रह जाती है उनके लिए यह दवा काफी कारगर होती है। अधिक तनाव होने पर महिला को सेक्स में रूचि नहीं रह जाती है, ऐसी महिलाओं को भी यह दवा दी जाती है। कई औरतों को शारीरिक रूप से जुड़ने में बहुत समस्या आती है ऐसे में भी यह दवा कारगर होती है। इस दवा के प्रयोग के दौरान, महिलाओं को ध्यान में रखा गया, कुछ का एमआरआई स्कैन भी करवाया गया कि उनके दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ता अभी भी इस दवा के प्रभाव को जानने में लगे हुए हैं।