आज दुनियाभर में ईद मनाई जा रही है। इस मौके पर हम आपको एक ऐसी चमत्कारी दरगाह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां 11 लोगो अपनी एक उंगली से 90 किलो का एक भारी पत्थर आसानी से उठा लेते हैं। इस चमत्कार के पीछे का रहस्य पता लगाने के देश और विदेश के कई साइंटिस्ट रिसर्च कर चुके हैं लेकिन आज तक यह रहस्य अनसुलझा है।
कमर अली दरवेश की दरगाह के बाहर 90 किलो का एक पत्थर रखा हुआ है। एक व्यक्ति के लिए इसे दोनों हाथों से उठा पाना मुश्किल है।
पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित शिवपुर गांव में कमर अली दरवेश बाबा की एक दरगाह स्थित है।
लेकिन एक साथ 11 लोग मिलकर अपनी तर्जनी अंगुली (इंडेक्स फिंगर) से 90 किलो के इस भारी पत्थर को कई फीट ऊपर उठाकर उछाल देते हैं।
इस चमत्कारिक कमाल के पीछे लोग बाबा कमर अली दरवेश की शक्ति और आशीर्वाद मानते हैं।
कहते हैं कि अगर 11 व्यक्ति से कम या एक भी ज्यादा व्यक्ति पत्थर उठाने का प्रयास करते हैं तो यह कारनामा नहीं हो पाता।
खास बात यह है कि यह चमत्कार बाबा की मजार के आस-पास यानी सिर्फ दरगाह क्षेत्र में और सिर्फ 11 लोगों के एकसाथ प्रयास करने पर ही संभव है।

यह भी माना जाता है कि पत्थर उठाने के दौरान अगर किसी एक ने भी ठीक से बाबा का नाम नहीं लिया तो पत्थर उसकी ओर झुक जाता है।
वे मात्र 18 साल ही जीवित रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद गांव में उनकी कब्र पर इस मजार का निर्माण कर दिया गया। लोगों का मानना है कि तभी से बाबा की शक्ति इस दरगाह में निवास करती है।
शिवपुर के हजरत कमर अली को लोग काफी श्रद्धा से सम्मान देते हैं। कहा जाता है कि शिवपुर में आज से 800 वर्ष पहले हजरत कमर अली आए और यहीं बस गए।
यदि आप प्लेन या रेल से आ रहे है तो आपको पहले पुणे पहुंचना होगा, जहां से दरगाह की दुरी मात्र 30 km है।
यह दरगाह हाईवे पर स्थित है इसलिए यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह से कनेक्टेड है।