नई दिल्ली। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने सरकार बना ली है। इसके बाद अब मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें लगने ली हैं। माना जा रहा है कि संसद के आगामी सत्र से पहले मोदी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। भाजपा के साथ सहयोगी दल भी कैबिनेट विस्तार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि अभी तक जदयू केंद्र सरकार से दूर है। हालांकि बदली हुई परिस्थितियों में जेडीयू केंद्र में अपनी हिस्सेदारी की मांग कर सकता है। दरअसल एलजेपी के राजग से अलग होकर चुनाव लड़ने के बाद जेडीयू ने खुलकर विरोध कर रखा है। इसी वजह से रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट भी एलजेपी को न मिलकर बीजेपी के खाते में चली गई। कैबिनेट विस्तार में महाराष्ट्र के दलित नेता रामदास अठावले को भी प्रमोशन मिल सकता है।

वहीं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अभी तक एक भी कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ है। कई मंत्रियों के पास तीन से चार मंत्रालय हैं। ऐसे में विस्तार की संभावनाएं बढ़ गई हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों तक से संभावित दावेदार मुलाकात कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ को सत्ता से बाहर करके शिवराज चौहान को मुख्यमंत्री बनवाने वाले ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी कैबिनेट में शामिल होने वालों में तेजी से चल रहा है।