पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में भैसों को शामिल करने के फैसले से केंद्र सरकार पीछे हट सकती है। खबरों के मुताबिक, मोदी सरकार केरल समेत कुछ अन्य राज्यों मे इस कानून के विरोध के चलते अपने आदेश पर पुनर्विचार कर सकती है। माना जा रहा है कि इस कानून में राहत दे सकती है।
गौरतलब है कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 26 मई को वध के लिए पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017 को अधिसूचित किया है। यह नियम अगले तीन महीनों के भीतर लागू हो सकते हैं।
खबर है कि सरकार नो स्लॉटर लिस्ट से भैसों को बाहर करने की संभावना है। पर्यावरण मंत्रालय के सचिव ए.एन झा ने कहा, नए पशु वध नियमों में अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। हम उन पर काम कर रहे हैं। सरकार की नो स्लॉटर लिस्ट में जिन जानवरों (मवेशी) को शामिल किया गया है, उनमें गाय, बैल, भैंस, बछिया-बछड़ा और ऊंट है। सरकार के नए आदेश के बाद वध के लिए पशु मेलों में इनकी खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है।

वहीं दूसरी तरफ इस कानून को लेकर केरल में विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। केरल सरकार ने साफ कहा है कि वो इस कानून को नहीं मानेगी। केरल सरकार का कहना है कि केंद्र से इस फैसले से चमड़ा व्यापार प्रभावित होगा। केरल के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार और तमिलनाडू की डीएमके पार्टी ने केद्र के इस फैसले का विरोध किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कानून को असंवैधानिक बताया है और कहा है कि वो इसका पालन नहीं करेगी।