नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसके साथ ही किसानों ने बुराड़ी जाने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि बुराड़ी खुली जेल की तरह है। किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है।
हम बुराड़ी कभी नहीं जाएंगे। बुराड़ी ओपन पार्क नहीं है एक ओपन जेल है। किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के बाहर वकीलों के साथ खड़े वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने कहा कि किसानों के विरोध को राजनीतिक रंग में रंगना गलत है। उनकी मांग वाजिब है और सरकार को उन्हें स्वीकार करना चाहिए।
बता दें कि अगर किसानों ने ऐसा किया तो दिल्ली में प्रवेश और एंट्री पूरी तरह से ठप हो सकती है। किसान नेताओं ने कहा कि हमने तयय किया है कि हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को अपने मंच पर बोलने की अनुमति नहीं देंगे, चाहे वो कांग्रेस, भाजपा, आप या फिर अन्य दल क्यों न हों। किसानों ने कहा कि हमारी समिति उन संगठनों को बोलने की अनुमति देगी जो हमारा समर्थन कर रहे हैं और अगर हमारे नियमों का पालन करेंगे तब।
