कौन कहता हैं बिहार में नहीं मिलता शराब? एक तरफ जहाँ शराब बंदी को लेकर सरकार के द्वारा कठोर कानुन लाया गया वहीं दूसरी तरफ अररिया जिले में फारबिसगंज थाना क्षेत्र के परवाहा गाँव में सरकार के द्वारा किया गया सारा प्रयास विफल नजर आ रहा है. आस पास के ग्रामीण क्षेत्र में देशी शराब की सप्लाई भी यही से हो रहा है. प्रशासन के द्वारा भी यहाँ कई बार छापेमारी अभियान चलाया गया फिर भी शराब कारोबारियों का हौसला इतना बुलंद है कि वो अपने कृत्य से बाज नहीं आते.
सभ्य ग्रामीणों से पूछने पर वो बतातें है कि ग्रामीण स्तर पर जो भी इनका विरोध करते है तो कारोबारी और उनके गुर्गे उल्टा उन्हें हीं झूठे मुकदमा में फसाने की धमकियां देते है. कइयों के साथ अइसा हो भी चूका है. एक अन्य ग्रामीण ने नाम नहीं छापने की शर्त पे बताया कि मेरे भाई ने प्रशासन को खबर किया तो आज उनके ऊपर पिता के ऊपर कारोबारी द्वारा हरिजन एक्ट का झूठा मुकदमा दायर किया गया है.

आखिर लोग प्रसासन का सहयोग भी कैसे करे? ये भी एक सवाल है जिसका जबाब खासकर यहाँ के सभ्य समाज के पास तो नहीं है. कुछ भी हो यहाँ के ग्रामीणों का तो कहना है कि इस गाँव से शराब को बंद करवाना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनैती है. लेकिन जबाब समय के गर्भ में है कि प्रशासन कहाँ तक इस चुनैती को स्वीकार कर पाती है`