राजधानी लखनऊ में एक साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस लोकभवन (मुख्यमंत्री दफ्तर) का उद्घाटन किया था, उसी के गेट के नीचे दबकर बुधवार को एक 7 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई.
अफसोस की बात यह थी कि बच्ची घंटों जमीन पर पड़ी तड़पती रही लेकिन उसे बचाने के लिए कोई नहीं आया. बाद में उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतका के पिता दिव्यांग है लिहाजा मां मजदूरी करती है. इसीलिए वह आज पाने साथ काम पर बच्ची को भी लाई थी.
दरअसल लोकभवन के पिछले हिस्से में निर्माण कार्य चल रहा है. आज एक मजदूर की सात साल की बेटी किरण गेट के पास ही खेल रही थी, तभी लोहे का गेट भरभराकर गिरा गया, जिसके नीचे दबकर उसकी मौत हो गई.

सूचना मिलते ही आनन-फानन में अफसर मौके पर पहुंचे और हादसे को दबाने में जुट गए. टूटे हुए गेट को तुरंत लगवा दिया गया. इतना ही नहीं स्पॉट पर पड़े खून के निशान को मोरंग से ढकवा दिया गया.
बता दें यह मुख्यमंत्री कार्यालय तकरीबन 400 करोड़ की लगत से एक साल पहले ही बनकर तैयार हुआ. इस हादसे के बाद से लोकभवन के निर्माण में भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि एक साल पहले ही लगा गेट आखिर गिर कैसे गया. फिलहाल अभी तक किसी भी अधिकारी ने इस पर टिप्पणी नहीं की है.