सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद समायोजन निरस्त होने से आंदोलन कर रहे रहे शिक्षामित्रों ने सरकार पर दबाव बनाने का नया दांव चला है। हिंदूवादी संगठनों पर इस मामले का संज्ञान न लेने का आरोप लगाते हुए शिक्षा मित्रों ने स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ पर धर्म परिवर्तन का एलान कर दीया है।
न्यायालय के निर्णय के बाद शिक्षामित्र सरकार पर अध्यादेश पारित कराकर अध्यापक बनाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर पिछले चार दिनों से शिक्षामित्रों ने आंदोलन छेड़ रखा है। समायोजन पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद यूपी के शिक्षामित्र यूपी में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं सीतापुर में प्रदर्शन के दौरान एक महिला बेहोश हो गई वहीं बाकी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लाठी लेकर खदेड़ दिया।
शपथपत्र में शिक्षामित्रों ने कहा है कि 15 अगस्त को जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे उसी समय हम लोग स्वेच्छा से इस्लाम धर्म कुबूल कर लेंगे।

शनिवार को सीतापुर में विकास भवन के समक्ष धरना दे रहे शिक्षामित्रों ने एलान कर दिया कि अगर सरकार ने उनकी आवाज को अनसुना किया तो वह धर्म परिवर्तन का रास्ता भी अख्तियार कर सकते हैं। शिक्षामित्रों ने कहा कि हिंदूवादी संगठनों द्वारा हमारी समस्या का विशेष संज्ञान न लेने से आहत होकर हम लोग यह कदम उठा रहे हैं।
शिक्षामित्र नीलेश वर्मा, धर्मेंद्र पांडेय, विकास बाजपेयी व अनुज कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में शपथ पत्र भी सौंपा। इसमें कहा गया है कि धर्म परिवर्तन के लिए किसी के द्वारा दबाव नहीं बनाया गया है। शिक्षामित्रों ने कहा कि इसको लेकर मौलाना मुफ्ती शफवान अतहर से वार्ता भी कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार मुफ्ती शफवान अतहर ने बताया कि शिक्षामित्रों ने हमसे इस्लाम कुबूल करने को लेकर बात की है।