लखनऊ। सेवानिवृत्त आईएएस (IAS) अफसर सूर्य प्रताप सिंह (SP Singh) मंगलवार को अपनी गिरफ्तारी देने हजरतगंज कोतवाली पहुंच गए। सूर्य प्रताप सिंह ने लखनऊ पुलिस (lucknow police) पर बिना उनका बयान दर्ज किए, चार्जशीट लगाने का आरोप लगाया है।
एसपी सिंह का आरोप है कि सरकार से सवाल पूछने पर उनके खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। इसको लेकर एसपी सिंह ने मंगलवार दोपहर में अपने गोमतीनगर स्थित आवास पर पत्रकार वार्ता भी बुलाई थी। प्रेस कांफ्रेंस के बाद वह स्वयं अपनी गिरफ्तारी देने हजरतगंज कोतवाली पहुंच गए।
डीसीपी मध्य, एसीपी हजरतगंज व इंस्पेक्टर हजरतगंज समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उन्हें शांत कराया और समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। एसपी सिंह ने पुलिस को अपना लिखित बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रविवार रात में पुलिस उनके घर आई थी और उन्हें जगाकर एक नोटिस दिया था। इससे पहले कि वह अपना बयान देते देर रात में ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर मुकदमा दर्ज करना कोई उपलब्धि नहीं है। एसपी सिंह ने उनपर दर्ज मुकदमे को खत्म करने की मांग की है।

बता दें कि सेवानिवृत्त आईएएस एसपी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से नो टेस्ट नो कोरोना लिखकर सवाल खड़े किए थे। इस मामले में चौकी प्रभारी सचिवालय सुभाष कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि एसपी सिंह के भ्रामक ट्वीट से लोगों में भय की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में आरोपित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्यवाही की मांग की गई थी। चौकी प्रभारी की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में पुलिस ने 11 जून को आरोपित के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी अधिनियम, धारा 188, 505(1)बी तथा 505(2) के तहत एफआइआर दर्ज की थी।