पिता हमेशा पिता ही रहता है, और अपने बच्चे पर आती तकलीफ देखकर वह भी कर गुज़रता है, जिसकी आम हालात में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. ठीक ऐसा ही हुआ इस्राइल में, जब एक पिता ने पहाड़ की चोटी से नीचे गिरते अपने बेटे को बचाने की कोशिश में खुद को भी कुर्बान कर दिया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है.
ओमरी तथा इलाई डेड सी के निकट जूडियान मरुस्थल (रेगिस्तान) की गहरी घाटियों में गए एक ग्रुप का हिस्सा थे. इसी दौरान एक जगह चट्टानों में ठोके गए हैंडलों के ज़रिये नीचे उतरते हुए इलाई अपने पिता के ऊपर आ गिरा.
शुक्रवार को हुए इस हादसे को, जिनमें ओमरी नीर तथा उनके 10-वर्षीय बेटे इलाई की मुस्कुराती हुई तस्वीर भी शामिल है.
ओमरी भी इलाई का गिरना नहीं रोक पाया, सो उसे ढके रहने की कोशिश में उसे कसकर पकड़ लिया, और उसके साथ ही नीचे गिर गया. ग्रुप में शामिल एक डॉक्टर तेज़ी से उनकी मदद करने के लिए आगे आए, लेकिन तब तक ओमरी की मौत हो चुकी थी.
आखिरकार उसे हेलीकॉप्टर की मदद से बीरशेबा शहर के अस्पताल तक पहुंचाया गया, जहां रविवार को उसकी मृत्यु हो गई.

आधुनिक लेबनानी इतिहास में शोध कर रहे 50-वर्षीय प्रोफेसर ओमरी का बेटा इलाई उस समय तक ज़िन्दा था, लेकिन अर्द्धमूर्च्छित अवस्था में था. लेकिन बचाव दल के वहां पहुंचने में भी देरी हुई, क्योंकि फोन कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था, और वह जगह भी काफी दूर थी.
रिपोर्टों के मुताबिक, तेल अवीव के उत्तर में बसे फार वितकिन में सोमवार को हुएउनके अंतिम संस्कार में 1,000 से ज़्यादा लोग शामिल हुए.
रीवा शाकेद बताया कि पूरे दिन चलते रहे इन ऑपरेशनों के दौरान आठ-वर्षीय एक बच्चे को इलाई का दिल लगाया गया, जबकि चार-वर्षीय एक बच्ची को उसका लिवर दिया गया. इलाई के दोनों गुर्दे (किडनियां) भी 10-वर्षीय एक लड़के और सात-वर्षीय एक लड़की के शरीर में लगाए गए. रीवा शाकेद ने बताया, सब कुछ ठीक तरीके से संपन्न हुआ. अब उन बच्चों की हालत में सुधार हो रहा है.