एजेंसी। ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या से अरब जगत के साथ ही यूरोप तक हड़कंप मच गया है। तेहरान में हुई इस हत्या का असर न केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर होगा, बल्कि इसका प्रभाव पूरे मध्य एशिया की शांति प्रक्रिया पर होगी। इस हत्या से अमेरिका और इजराइल से ईरान के संबंधों के समीकरण भी बदलेंगे।
मोहसिन फखरीजादेह को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता था। मोहसिन ने ईरान के तथाकथित परमाणु हथियार ‘अमाद’ कार्यक्रम का नेतृत्व किया था। साल 2015 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोहसिन की तुलना जे रॉबर्ट ओपनहाइमर से की थी। रॉबर्ट ओपनहाइमर ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पहला परमाणु बम बनाया था। इजरायल ने वर्ष 2018 में यह दावा किया था कि मोहसिन ने ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रमों की शुरुआत की थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता परिवर्तन के साथ ईरान को लेकर इजराइल की चिंता बढ़ गई है। अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह ऐलान किया है कि सत्ता में आने के बाद वह ईरान परमाणु समझौते की वापसी करेंगे। इसके पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान परमाणु समझौते की मुखालफत करते हुए इस करार से अमेरिका को अलग कर लिए थे। अमेरिका में सत्ता में बदलवा के साथ ही ईरान के प्रति अमेरिका के रुख में बदलाव के संकेत मिले हैं। परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को जरूर धक्का लगेगा, ऐसे में इजराइल ने जरूर राहत की सांस ली होगी।

इसके पहले साल 2010 से 2012 के बीच ईरान के चार परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या हो गई थी। ईरान ने इन हत्याओं के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था। ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की तेहरान में हत्या के बाद एक बार फिर ईरान ने इजराइल पर यह आरोप लगाया है।