नई दिल्ली। हमारे देश में कई जगहों पर ऐसी परम्पराएं निभाई जाती हैं, जो आज के दौर में अजीब लगती हैं। राजस्थान के बूंदी जिले में चार गांव के लोग आज भी ऐसी अनोखी परम्परा निभा रहे हैं। इन गांवों में किसी भी घर पर पक्की छत नहीं है। बूंदी जिले के साथेली, बथवाड़ा, अंथड़ा और लीलेड़ा व्यवसान गांवों के लोगों का कहना है कि लोक देवता भैरुजी के सम्मान में कोई अपने घर पर पक्की छत नहीं डलवाता।
इन चार गांवों में रहने वाले लोग अपने घरों की दीवारें तो पक्की बना लेते हैं। लेकिन छत पर पट्टियां डालना या फिर पक्की छत डालना अभिषाप मानते हैं। यदि किसी ने भूलवश या मान्यता को नजरअंदाज करके घर पर पटि्टयां डाल दी तो उसके परिवार के साथ कोई न कोई अनहोनी हो जाती है। इन गांवों की महिलाएं पांवों में पायजेब या घुंघरु भी पहनती। महिलाएं कहती हैं कि शाप या मान्यता के चलते पांवों में घुंघरु या पायल पहनने पर मनाही है।

बूंदी के इन गांवों में दो आईएएस, दो आयकर अधिकारी, एक जज सहित दर्जनों शिक्षकों और इंजीनियरों के भी घर हैं। इन लोगों के घरों पर भी पक्की छतें नहीं हैं। लोकदेवता भैरुजी द्वारा की गई मनाई के चलते कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता। इन लोगों ने बताया कि कुछ वर्षों पहले एक सरकारी स्कूल पर पटि्टयां (पक्की छत) डाली गई थी लेकिन अज्ञात कारणों के चलते वह भी गिर गईं।