नई दिल्ली। हम सब जानते हैं कि दुनिया में शाकाहारी, मांसाहारी या फिर सर्वाहारी जीव रहते हैं। शेर कभी घास नहीं खाता, घोडा कभी मांस नहीं खाता। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जीव के बारे में बताएंगे जो मांसाहारी होने के बाद भी बीते 62 सालों से पूरी तरह शाकाहारी है।
केरल के अनंतपुरा लेक टेम्पल में रहने वाले मगरमच्छ बबिया की। आप सोच रहे होंगे कि मगरमच्छ अपने दांतों से किसी हड्डी को जकड ले तो हड्डियों का चूर्ण बना देता है। अनंतपुरा लेक टेम्पल में रहने वाला बबिया नाम का मगरमच्छ स्वभाव से बेहद शांत है और उसे खाने में पसंद है केवल मंदिर का प्रसाद। बबिया के शाकाहारी होने के कारण से इस झील में रहने वाली मछलियों को भी कोई परेशानी नहीं है
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि बबिया के खाने का समय भी तय है। दोपहर की पूजा के बाद बबिया चावल और गुड का बना प्रसाद खाता है। इस मामले में मंदिर प्रशासन का कहना है कि पिछले 150 सालों से इस तालाब में मगरमच्छ दिख रहे हैं, मगर एक बार में सिर्फ एक ही मगरमच्छ दिखाई देता है।

एक मगरमच्छ के मरने पर दूसरा अपने आप ही आ जाता है। किसी को ये बात नहीं पता कि ये मगरमच्छ कहां से आ जाते हैं, जबकि मंदिर के आसपास कोई नदी भी नहीं है। बताया जा रहा है कि बबिया पिछले 60 सालों से इस मंदिर की पहरेदारी कर रहा है। जब जीव का शिकार करने वाली प्रजाति शुद्ध-शाकाहारी दिखे तो आप क्या कह सकते हैं सिवाय इसके कि ये कुदरत का करिश्मा है।