इंदौर के प्रबुद्धजन देश का सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान बनाने की मांग कर रहे है लेकिन इंदौर का मास्टर प्लान अभी तक तैयार नहीं हो पाया। वर्ष 2008 में लागू किए गए मास्टर प्लान की मियाद दो साल पहले ही खत्म हो गई है। नियमानुसार नया मास्टर प्लान लागू होना चाहिए था, लेकिन अभी तक मास्टर प्लान के पते नहीं है। इस कारण शहर की सीमा से सटे इलाकों में अवैध बसाहट हो चुकी हो रही है।
1 जनवरी 2008 को इंदौर का मास्टर प्लान 2021 लागू किया था। 13 साल के लिए बने मास्टर प्लान शहर में 80 फीसद भी लागू नहीं हो पाया। न पूरे सिटी फारेस्ट बने और न ही सभी बड़े मार्ग पूर्ण हो पाए।एमआर-3, एमआर-11,एमआर-12 आधे अधूरे पड़े है। रीजनल पार्क के अलावा स्कीम 78 और बिचौली मर्दाना में सिटी फारेस्ट बने है, जबकि मास्टर प्लान में दस से ज्यादा गार्डन है। 2008 के मास्टर प्लान में एक नया ट्रेंचिंग ग्राउंड बनना था, लेकिन अभी तक नहीं बन सका।
अर्बन प्लानर विशेषज्ञ हितेंद्र मेहता के अनुसार मास्टर प्लान का तय समय में बनना और उसका क्रियान्वयन शहर विकास के लिए जरुरी है। जोनल प्लान के माध्यम से ही मास्टर प्लान को धरातल पर लाया जा सकता है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
नगर तथा ग्राम निवेश जयवंत होलकर का कहना है। मास्टर प्लान एक समयसीमा के लिए डिजाइन होता है। वह समयसीमा समाप्त होने के बाद नया मास्टर प्लान बनकर तैयार हो जाना चाहिए ताकि शहर के विस्तार और बसाहट को व्यवस्थित किया जा सके।
समय पर इंदौर में मास्टर प्लान लागू नहीं होने की कीमत पहले भी शहर को चुकानी पड़ी है। पश्चिम क्षेत्र की रिंग रोड और बायपास आज तक तैयार नहीं हो पाया।
200 साल में सिर्फ तीन मास्टर प्लान
वर्ष 1818 में होलकर महाराज ने पैट्रिक गिडीज से इंदौर का पहला मास्टर प्लान बनवाया था। उसे मास्टर प्लान के हिसाब से राजवाड़ा और आसपास के क्षेत्र का विकास हुआ। सराफा, बर्तन बाजार,क्लॉथ मार्केट की प्लानिंग गिडीज ने अपने मास्टर प्लान में की थी। दूसरा मास्टर प्लान वर्ष 1975 में बना। तीसरा मास्टर प्लान 1993 में बनना था, लेकिन नही बन पाया। 1 जनवरी 2008 का इंदौर का तीसरा मास्टर प्लान लागू हुआ।
79 गांव शामिल नए मास्टर प्लान में
इंदौर के आसपास के 79 गांव नए मास्टर प्लान में शामिल करने की कवायत नगर तथा ग्राम निवेश ने 2 साल पहले ही कर दी। इन गांव में निर्माण की नई अनुमतियां नहीं दी जा रही है। नए मास्टर प्लान के लिए अभी सिर्फ बेस मेप ही तैयार हो पाया है। शहर को नए मास्टर प्लान के लिए 1 से 2 साल और इंतजार करना पड़ सकता है।