भारत ने हिंद-प्रशांत में अमेरिकी विजन को दी मजबूती..

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ‘पेंटागन’ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति-स्थिरता लाने के मकसद से 2023 में अपने सहयोगियों के साथ सहयोग एवं ‘अभूतपूर्व’ उपलब्धियों पर कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ अपने सैन्य संबंधों के दायरे को आधुनिक बनाया है। अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र आधुनिकीकरण संबंधी उसकी योजनाओं को भी बढ़ावा दिया है।

पेंटागन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक कदमों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए ‘निर्णायक वर्ष’ पर एक फैक्ट शीट में कहा कि अमेरिका ने स्वतंत्र-मुक्त इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता के लिए सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया है। वह भागीदारों का समर्थन कर भारत की रक्षा आधुनिकीकरण योजनाओं को बढ़ावा दे रहा है। इससे भारत के साथ अमेरिकी विजन को मजबूती मिली है।

रक्षा उद्योग सहयोग को आगे बढ़ाना शामिल
अमेरिका द्वारा भारत की जिन रक्षा संबंधी आधुनिक योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है उनमें अमेरिकी एवं भारतीय अनुसंधानकर्ताओं, उद्यमियों एवं निवेशकों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहन देकर भारत, अमेरिकी रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र की शुरुआत करना शामिल है। इसमें लड़ाकू जेट इंजन और ‘स्ट्राइकर’ बख्तरबंद वाहनों के सह निर्माण के प्रयास भी शामिल हैं।

2023 रहा निर्णायक वर्ष
अमेरिका ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मालाबार अभ्यास का भी उदाहरण दिया जो पहली बार इस साल ऑस्ट्रेलिया में किया गया था और इस दौरान पनडुब्बी रोधी अभ्यास, संचार और वायु रक्षा में उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया। फैक्ट शीट में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, इस दशक में 2023 को अमेरिकी रक्षा रणनीति को लागू करने के लिए निर्णायक वर्ष के रूप में याद किया जाएगा।

रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कीं भारत यात्राएं
निर्णायक वर्ष पर जारी फैक्ट शीट में कहा गया है कि 2023 में ऑस्टिन ने हिंद-प्रशांत की चार यात्राएं कीं और क्षेत्र के आठ देशों का दौरा किया। ऑस्टिन और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस साल भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए नवंबर में नई दिल्ली की यात्रा की। इन यात्राओं से समझ विकसित करने में मदद मिली।

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