माफ कर देना मुझे, खुश रहना सब लोग.. अलविदा सबको। अब मेरे लिए और दुख सहना मुमकिन नहीं है…अपनी जिंदगी जीयो… मेरे जैसे इंसान के लिए अपना जीवन बर्बाद करने की जरूरत नहीं है… मैं इसके लायक नहीं हूं..। यही लाइन लिखकर HDFC बैंक के पूर्व कर्मचारी ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।
लखनऊ के गोमतीनगर के विनयखंड चार इलाके में एचडीएफसी के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत शर्मा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। क्षेत्रीय प्रबंधक ने दो पेज के सुसाइड नोट में लिखा- बहुत मुश्किल है सबको छोड़ के जाना। पर सबको अब और तंग नहीं कर सकता। माफ कर देना मुझे, खुश रहना सब लोग.. अलविदा सबको। अब मेरे लिए और दुख सहना मुमकिन नहीं है…अपनी जिंदगी जीयो… मेरे जैसे इंसान के लिए अपना जीवन बर्बाद करने की जरूरत नहीं है… मैं इसके लायक नहीं हूं..।
इसी तरह की बातें लिखकर बुधवार शाम को गोमतीनगर एचडीएफसी के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत शर्मा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। प्रशांत एचडीएफसी की हरदोई रोड शाखा में तैनात थे। प्रशांत अपनी पत्नी वर्षिका, मां अरुणा शर्मा और पिता विष्णु कुमार शर्मा के साथ लखनऊ के विनयखंड चार इलाके में रहते थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही बरामद दो पन्ने का सुसाइड नोट भी कब्जे में ले लिया है।
पुलिस ने शव को फंंदे से नीचे उतारा
पुलिस के मुताबिक बुधवार शाम को प्रशांत मकान के सेकेंड फ्लोर पर थे, जबकि अन्य परिजन ग्राउंड फ्लोर पर थे।
काफी देर तक जब प्रशांत नीचे नहीं आए तो उनके पिता ने कॉल की। कॉल न रीसीव होने पर परिजन ऊपर गए तो कमरे का दरवाजा बंद था। परिजनों ने आवाज दी लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया।
इसके बाद परिजनों ने खिड़की से अंदर झांका तो वह फंदे पर लटकते दिखे। ये देख परिजन सन्न रह गए और पुलिस को सूचना दी। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचकर पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और शव को फंदे से नीचे उतारा। इसके बाद शव का कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
दो पन्ने का मिला सुसाइड नोट
सुसाइड नोट में प्रशांत ने अपने इंश्योरेंस, बैंक खातों व एटीएम से जुड़ी सारी डिटेल लिखी है। उन्होंने ये भी लिखा है कि मेरे मरने के बाद अगर कोई पैसे लेने के लिए आता है तो किसी को कुछ मत देना। बाकी जो मेरे लोन चल रहे हैं, उनको मेरे इंश्योरेंस की रकम से चुका देना। मेरी मौत की खबर हार्ट अटैक बताना।