जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड से लेकर यूपी-बिहार तक समूचा उत्तर भारत बृहस्पतिवार को भी कड़ाके के ठंड से बेहाल रहा। कई दिनों के बाद दोपहर में खिली धूप ने थोड़ी राहत दी लेकिन शाम होते ही फिर बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी। वहीं, कोहरे ने भी रेल, हवाई और सड़क यातायात को बाधित रखा। दिल्ली-एनसीआर में आज कोहरे की चादर है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अभी अगले तीन दिन तक बर्फीली हवाओं से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। वहीं, चार-पांच दिन तक कोहरे का कहर भी बदस्तूर जारी रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक मध्य और पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है। राजस्थान में 12 से 14 जनवरी तक शीतलहर चलने की संभावना है। वहीं, हरियाणा और पंजाब में भी 12 और 13 जनवरी को बर्फीली हवाएं चल सकती हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में बृहस्पतिवार को घने कोहरे के कारण दृश्यता शून्य पर पहुंच गई। वहीं, लखनऊ में दृश्यता 25 मीटर दर्ज की गई, जबकि वाराणसी में यह आंकड़ा 50 रहा।
राजस्थान में सीकर रहा सबसे ठंडा :
राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान सीकर सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान शून्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। इसके बाद चुरू में तापमान 1 डिग्री दर्ज किया गया।
आईएमडी पूरे देश में मनाएगा 150 साल पूरे होने का जश्न
देशभर के मौसम का हाल बताने और पूर्वानुमान जताने वाला भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) इस साल 15 जनवरी से अपनी स्थापना के 150 साल पूरे करने का जश्न मनाने जा रहा है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 150 सालों का जश्न मनाने के लिए 15 जनवरी 2024 से 15 जनवरी 2025 तक देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने का प्रस्ताव है।
आईएमडी देश के सबसे पुराने वैज्ञानिक विभागों में से एक है, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी। इसका मुख्यालय तक कोलकाता में बनाया गया था। 20 जुलाई, 1928 को मुख्यालय पुणे में स्थानांतरित किया गया और 1935 के बाद अंततः प्रधान कार्यालय नई दिल्ली में स्थानांतरित हो गया जो अभी आईएमडी का मुख्यालय है।
कोहरे में ट्रेनों की रफ्तार पड़ी सुस्त, विमानों की उड़ान भी प्रभावित
नई दिल्ली। यात्रियों के लिए ठंड और कोहरे का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लंबी दूरी तय करने वाले यातायात के संसाधन कोहरे से प्रभावित हो रहे हैं। ट्रेनों की रफ्तार सुस्त है, साथ ही विमानों की उड़ान भी प्रभावित हो रही है। बृहस्पतिवार को 150 से अधिक ट्रेनें अपने तय समय पर संचालित नहीं हुईं तो 240 से अधिक विमान भी रनवे से 15 मिनट से 1 घंटे तक की देरी से आने-जाने के लिए मजबूर हुए। लगातार हो रही देरी से यात्रियों की परेशानी भी बढ़ी रही। हालांकि इस बार रेलवे और विमानन कंपनियों के मोबाइल पर मैसेज आने से थोड़ी राहत जरूर मिल रही है।