नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि, अगले दो दिनों में वो मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। इसको लेकर अब कई तरह की अटकलें लगाई जा रहीं हैं। इन सबके बीच आप नेता मनीष सिसोदिया का भी बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि, वो जनता के बीच जाएंगे अगर जनता उन्हें चुनती है तो वो तभी उपमुख्यमंत्री-शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा और शिक्षा के लिए काम करूंगा।
मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, ईमानदारी से शिक्षा का काम करने के लिए राजनीति में आया था। 10 साल से दिल लगाकर दिल्ली के शिक्षामंत्री के रूप में ईमानदारी से काम किया। स्कूल बनवाये। नई नई यूनिवर्सिटीज़ बनवाईं।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में इस मंत्र के साथ काम किया कि सरकारी स्कूलों में बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराए बिना भारत विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता। दस साल की मेहनत का असर दिख रहा है कि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में भी बच्चे शानदार पढ़ाई करके IIT, JEE, NEET जैसी परीक्षाएँ टॉप कर रहे हैं।
मैंने ईमानदारी से काम किया लेकिन मुझ पर टुच्ची राजनीति के तहत झूठे आरोप लगाकर मुझे बेईमान सिद्ध करने की कोशिश की गई- 17 महीने झूठे आरोप में जेल में रखा गया। दो साल की क़ानूनी प्रक्रिया के बाद अब देश की शीर्ष अदालत तक ने कह दिया है जाओ अपना काम करो। लेकिन मैं अभी उपमुख्यमंत्री-शिक्षामंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूँगा। मैं यहाँ कुर्सियों और पदों के लालच में राजनीति में नहीं आया।
उन्होंने आगे लिखा कि, ईमानदारी से शिक्षा पर काम करने के लिए आया हूँ। मैंने भी फ़ैसला किया है कि अरविंद केजरीवाल जी के साथ जनता को अदालत में जाऊँगा और पूछूँगा कि जनता मुझे ईमानदार मानती है या नहीं। तीन-चार महीने में चुनाव होना है। अगर जनता मेरी ईमानदारी पर मोहर लगायेगी तभी उपमुख्यमंत्री-शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठूँगा और शिक्षा के लिए काम करूँगा।