नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को प्रदेश का नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। बुधवार को कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार रिटायर हो रहे थे। वहीं, अब ये जिम्मेदारी प्रशांत कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है। वर्ष 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार 16 अफसरों को सुपरसीड करके कार्यवाहक डीजीपी बने हैं। बीते करीब साढ़े तीन वर्ष से वह कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
बता दें कि, डीजीपी पद के लिए आईपीएस प्रशांत कुमार के अलावा, डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा के नाम की चर्चा हो रही थी। अब प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। इससे पहले डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा और विजय कुमार को लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा चुका है। बीते 21 माह से प्रदेश पुलिस को कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाना पड़ रहा है।
सीएम योगी के करीबियों में होती है गिनती
कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए प्रशांत कुमार की गिनती मुख्यमंत्री के करीबी अफसरों में होती है।
एडीजी जोन मेरठ रहने के दौरान उन्होंने कई अपराधियों का एनकाउंटर किया था, जिसके बाद उनको एडीजी कानून-व्यवस्था बनाया गया था। तत्पश्चात उन्होंने प्रदेश के 66 माफियाओं की सूची तैयार कर कानून का शिकंजा कसना शुरू कर दिया। उनके नेतृत्व में एसटीएफ और जिलों की पुलिस ने एनकाउंटर करने का सिलसिला जारी रखा।
अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा
प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाए जान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, लगता है एक बार फिर उप्र को कार्यवाहक डीजीपी मिलनेवाला है। जनता पूछ रही है कि हर बार कार्यवाहक डीजीपी बनाने का खेल दिल्ली-लखनऊ के झगड़े की वजह से हो रहा है या फिर अपराधियों के संग सत्ता की साँठगाँठ के कारण।