रामनगरी दुल्हन की तरह तैयार हो रही,देशी-विदेशी फूलों से महक उठेगी अयोध्या

30 दिसंबर का दिन अयोध्या के लिए ऐतिहासिक होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 6000 करोड़ की बड़ी योजनाओं की सौगात रामनगरी अयोध्या को देंगे. वहीं 30 दिसंबर को ही अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट से पहले फ्लाइट दिल्ली के लिए रवाना होगी. इसके अलावा अयोध्या जंक्शन से दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी.

इस पूरे कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. प्रधानमंत्री के आगमन पर त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप रामनगरी सुसज्जित होने लगी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पीएम के अभूतपूर्व स्वागत की तैयारी की जा रही है. देशी-विदेशी फूलों और तोरणद्वार के जरिए अयोध्या को दुल्हन की तरह तैयार किया जा रहा है. वहीं पुष्पवर्षा के जरिए पीएम के अभिनंदन की भी तैयारी की जा रही है. इस काम में अयोध्या व आसपास के जनपदों के साथ ही पश्चिम बंगाल, मथुरा व सीतापुर के 700-800 कारीगर जुटे हैं. यहां थाईलैंड, कोलकाता, उत्तराखंड, कानपुर, दिल्ली, बेंगलुरु आदि स्थानों से फूल मंगाए जा रहे हैं।

पीएम के स्वागत के मद्देनजर अभूतपूर्व तैयारी की जा रही है. राममय अयोध्या के भव्य तोरणद्वार काफी शानदार होंगे. एयरपोर्ट बाईपास से फोरलेन धर्मपथ, साकेत पेट्रोल पंप हनुमानगढ़ी के रास्ते लगभग 9 किमी. से अधिक दूरी तय करने में दो दर्जन से अधिक तोरणद्वार बनाए जाएंगे. यहां रेलिंग डिवाइडर-मूर्तियों आदि को फूलों व बुके से सजाया जाएगा.

अयोध्या के रहने वाले बालकृष्ण सैनी अपनी टीम के साथ काम में जुटे हैं. उन्होंने बताया कि पीएम के स्वागत में देशी-विदेशी फूलों से अयोध्या महक उठेगी। इनमें कोलकाता से गेंदा की लड़ी, कानपुर व दिल्ली से अशोक की पत्ती, दिल्ली से कर फ्लावर व बेंगलुरु से विदेशी फूल आएंगे. इनमें आर्केड, इनथेरियम, कोनिया, कार्नेसन, टाटा रोज, स्टार, डेली, जरबेरा के साथ ही विक्टोरिया, सन ऑफ इंडिया, पैराग्रास, मनोकोमली, चाइना पत्ती, घोड़ापाम, एरिका पान आदि से सजावट की जाएगी. वहीं गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा, कनेर, डहलिया आदि फूल से भी रास्तों को सजाया जाएगा।

पीएम मोदी व सीएम योगी ने अयोध्या को अलग ही पहचान दिला दी है यही वजह है कि इन दोनों नेताओं का स्वागत करना हर किसी के मन में है. इस कार्य में मथुरा-वृंदावन के 250, सीतापुर के 250, पश्चिम बंगाल के 150 कारीगर, स्थानीय स्तर पर 75 कारीगर लगे हैं. फूलों की सजावट का काम देख रहे।

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