फतेहाबाद की बेटी मनोवैज्ञानिक दिव्या नोखवाल इस बार 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की झांकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती नजर आएंगी। यह झांकी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से तैयार की जा रही है। झांकी की 11 सदस्यीय टीम में दिव्या को शामिल किया गया है। पिछली बार दिव्या नोखवाल ने रक्षा मंत्रालय की झांकी में भाग लिया था।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर परेड और झांकियां मुख्य आकर्षण होती हैं, जहां देश की सैन्य व सांस्कृतिक शक्तियों का प्रदर्शन होता है। इन्हीं झांकियों में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एआई तकनीक पर आधारित झांकी होगी।
ऐसे हुआ चयन
दिव्या के पिता एवं फतेहाबाद पुलिस की इकनॉमिक सेल में कार्यरत एसआई हरफूल सिंह ने बताया कि झांकी के लिए मंत्रालय की ओर से नवंबर माह में आवेदन मांगे गए थे। दिव्या ने भी ऑनलाइन आवेदन किया था। इसके बाद नवंबर माह के अंत में उन्हें चयनित करते हुए आगामी प्रक्रिया में बुलाया गया। तीन बार की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अंतिम चयन हुआ। अब दो दिन पहले दिव्या दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में शामिल हुई हैं। वह 27 जनवरी तक वहीं रहेंगी। फतेहाबाद से गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली दिव्या जिले की एकमात्र युवती हैं। दिव्या की मां अनीता गृहिणी हैं, जबकि भाई विशाल नोखवाल यूएसए में पीएचडी करके वहीं पर असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
एआई तकनीक के फायदे बताएगी झांकी
दिव्या ने बताया कि इस बार परेड में नारी सशक्तीकरण की थीम रहेगी। उनकी झांकी में कुल 11 सदस्य होंगे। चार लोग झांकी के दाईं तरफ और चार ही बाएं तरफ चलेंगे। तीन चिकित्सक ऊपरी साइड में बैठेंगे। झांकी में दर्शाया जाएगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस प्रकार मानव जीवन में सहयोगी बन सकती है। इसके क्या-क्या फायदे हैं।
पिछली बार डीआरडीओ की झांकी में थी दिव्या
हरफूल सिंह ने बताया कि उनकी बेटी दिव्या ने पिछली बार गणतंत्र दिवस पर रक्षा मंत्रालय की झांकी में वैज्ञानिक की भूमिका निभाई थी। उस झांकी को डीआरडीओ द्वारा तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि बेटी का दूसरी बार परेड में शामिल होना उनके लिए बड़े गर्व की बात है।