आज यानी 22 जनवरी का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। आज वर्षों के बाद रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो चुका है। वाकई ये देश के लिए भावुक क्षण है। सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरा देश इस समय राममय और भक्तिमय दिख रहा है। राम भक्तों के लिए यह बेहद ही खुशी का अवसर बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई दिग्गज नेता, अभिनेता, कलाकार व उद्योगपति रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हैं। रामलला की पूजा के दौरान पीएम मोदी ने श्रीराम के चरणों में कमल के पुष्प अर्पित किए। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि पूजा-पाठ में कमल के फूल का क्या महत्व है…
हिंदू धर्म में कमल के फूल को बहुत ही ज्यादा पवित्र माना जाता है। सभी देवी-देवता की पूजा में कमल के पुष्प का इस्तेमाल किया जाता है। मां लक्ष्मी को विशेष तौर पर कमल के पुष्प अर्पित किए जाते हैं। अनेक प्रकार के यज्ञों व अनुष्ठानों में भी कमल के पुष्पों को निश्चित संख्या में चढ़ाने का विधान है।
कमल के पुष्प को ब्रह्माजी, मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती ने अपना आसन बनाया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कमल के फूल की उत्पत्ति सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु की नाभि से हुई है। यही वजह है कि कमल का पुष्प मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को अति प्रिय है।
भगवान राम की पूजा में कमल के पुष्प का महत्व
वहीं भगवान राम विष्णु जी के अवतार मानें जाते हैं, इसलिए श्रीराम की पूजा में भी कमल के फूल का विशेष महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि रामजी की पूजा में कमल के पुष्प अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।