नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे पर हैं। मंगलवार को वह मॉस्को में भारतीय समुदाय के लोगों से मिले। यहां उन्होंने एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-रूस के संबंधों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही वहां मौजूद लोगों से मोदी सरकार की उपलब्धियों पर भी बात की।
पीएम मोदी ने कहा कि, रूस शब्द सुनते ही…हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है… भारत के सुख-दुख का साथी, भारत का भरोसेमंद दोस्त। रूस में सर्दी के मौसम में TEMPERATURE कितना ही MINUS में नीचे क्यों न चला जाए…भारत-रूस की दोस्ती हमेशा PLUS में रही है, गर्मजोशी भरी रही है। ये रिश्ता MUTUAL TRUST और MUTUAL RESPECT की मज़बूत नींव पर बना है।
साथ ही कहा, भारत-रूस की दोस्ती के लिए मैं विशेष रूप से अपने मित्र President Putin की Leadership की भी सराहना करूंगा। उन्होंने दो दशक से ज्यादा समय तक इस पार्टनरशिप को मज़बूती देने के लिए शानदार काम किया है। बीते 10 सालों में मैं छठी बार रूस आया हूं और इन सालों मैं हम एक दूसरे से 17 बार मिले हैं। ये सारी मीटिंग trust और respect बढ़ाने वाली रही है। जब हमारे students संघर्ष के बीच फंसे थे, तो President Putin ने उन्हें वापस भारत पहुंचाने में हमारी मदद की थी। मैं रूस के लोगों का, मेरे मित्र President Putin का इसके लिए भी फिर से आभार व्यक्त करता हूं।
पीएम ने आगे कहा, आज भारत वो देश है, जहां दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। 2014 में देश में बस कुछ सौ स्टार्टअप थे, आज इनकी संख्या लाखों में है। आज भारत वो देश है, जो रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट फ़ाइल कर रहा है, रिसर्च पेपर पब्लिश कर रहा है। यही मेरे देश के युवाओं की शक्ति है। भारत बदल रहा है, क्योंकि…भारत अपने 140 करोड़ नागरिकों के सामर्थ्य पर भरोसा करता है। 140 करोड़ भारतीय अब विकसित देश बनने का सपना देख रहे हैं।
आज 140 करोड़ भारतीय हर क्षेत्र में सबसे आगे निकलने की तैयारी में जुटे रहते हैं। आप सभी ने देखा है, हम अपनी अर्थव्यवस्था को सिर्फ कोविड संकट से ही बाहर निकालकर ही नहीं लाए, बल्कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे मजबूत इकोनॉमी में से एक बना दिया। भारत में ये बदलाव सिर्फ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर का ही नहीं है, बल्कि ये बदलाव देश के हर नागरिक के, हर नौजवान के आत्मविश्वास में भी दिख रहा है। 2014 से पहले हम निराशा की गर्त में डूब चुके थे। लेकिन आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है।