लखनऊ। बीते काफी दिनों से अपने बयानों के जरिए कांग्रेस पार्टी को घेरने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम को आखिरकार पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने इसको लेकर कहा कि, उन्हें टीवी चैनलों से इसकी जानकारी हुई कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, सबसे पहले मैं कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे कांग्रेस से मुक्ति देने का फरमान जारी किया… केसी वेणुगोपाल या मल्लिकार्जुन खरगे ये बताएं कि ऐसी कौन सी गतिविधिया हैं जो पार्टी के विरोध में थीं… क्या भगवान राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है?
इसके साथ ही उन्होंने कहा, सवाल इस बात का है कि वो कांग्रेस जो महात्मा गांधी की कांग्रेस थी। आज उस कांग्रेस को किस रास्ते पर लाकर खड़ा किया गया है। क्या कांग्रेस में सिर्फ वो रह सकते हैं जो सनातन को मिटाने की बात करें? मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि ‘राम और राष्ट्र‘ पर समझौता नहीं किया जा सकता है। निष्कासन बहुत छोटी चीज है।