महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिर जाने के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा, जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में निश्चित किया, तो मैंने सबसे पहले रायगढ़ के किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठ कर प्रार्थना की और राष्ट्रसेवा की एक नई यात्रा आरंभ की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज… मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।
उन्होंने आगे कहा, हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं। उनको पाश्चाताप नहीं होता है… महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है।
महाराष्ट्र के पास विकास के लिए सामर्थ्य भी है और जरूरी संसाधन भी है। यहां समुद्र के तट भी है और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास भी है। यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं। इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र और देश को मिले… इसके लिए आज वाढवण पोर्ट की नींव रखी गई है। यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा। ये देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट में से एक महत्वपूर्ण पोर्ट होगा।
उन्होंने कहा, आज भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है। 2014 में देश में 80 लाख टन मछली का ही उत्पादन होता था, आज करीब-करीब 170 लाख टन मछली का उत्पादन भारत कर रहा है। यानि, सिर्फ 10 साल में आपने मछली का उत्पादन दोगुना कर दिया है।