रविदास जी ने समाज को आजादी का महत्व भी बताया था और सामाजिक विभाजन को भी पाटने का काम किया: पीएम मोदी

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी यूपी के वाराणसी में संत गुरु रविदास की 647वीं जयंती समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, यहां का सांसद होने के नाते, काशी का जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी विशेष जिम्मेदारी भी बनती है कि मैं बनारस में आप सबका स्वागत भी करूं और आप सबकी सुविधाओं का खास खयाल भी रखूं। मुझे खुशी है कि संत रविदास जी की जयंती पर मुझे इन दायित्वों को पूरा करने का अवसर मिला है।

उन्होंने कहा, आज मुझे संत रविदास जी की नई प्रतिमा के लोकार्पण का भी सौभाग्य मिला है। संत रविदास म्यूजियम की आधारशिला भी आज रखी है। मैं आप सभी को इन विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत का इतिहास रहा है, जब भी देश को जरूरत हुई है, कोई न कोई संत, ऋषि, महान विभूति भारत में जन्म लेते हैं। संत रविदास जी तो उस भ​क्ति आंदोलन के महान संत थे, जिन्होंने कमजोर और विभाजित हो चुके भारत को नई ऊर्जा दी थी।

पीएम ने कहा कि, रविदास जी ने समाज को आजादी का महत्व भी बताया था और सामाजिक विभाजन को भी पाटने का काम किया। ऊंच नीच, छुआछूत, भेदभाव… इस सबके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। आज हमारी सरकार रविदास जी के विचारों को ही आगे बढ़ा रही है। भाजपा सरकार सबकी है, भाजपा सरकार की योजनाएं सबके लिए हैं। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ ये मंत्र आज 140 करोड़ देशवासियों से जुड़ने का मंत्र भी बन गया है।

इसके साथ ही कहा, समानता, वंचित समाज को प्राथमिकता देने से ही आती है। इसलिए जो लोग, जो वर्ग विकास की धारा से दूर रह गए, पिछले 10 वर्षों में उनको ध्यान में रखकर ही काम हुआ है। पहले जिस गरीब को सबसे आखिरी समझा जाता था, आज सबसे बड़ी योजनाएं उन्हीं के लिए बनी हैं।

उन्होंने कहा, आज देश के हर दलित को, हर पिछड़े को एक और बात ध्यान रखनी है। हमारे देश में जाति के नाम पर उकसाने और उन्हें लड़ाने में भरोसा रखने वाले इंडी गठबंधन के लोग दलित, वंचित के हित की योजनाओं का विरोध करते हैं। जाति की भलाई के नाम पर ये लोग अपने परिवार के स्वार्थ की राजनीति करते हैं।

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