अब 3 करोड़ PM आवास देने का ढिंढोरा पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो: खरगे

नई दिल्ली। केंद्र में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन गयी है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार लगातार शपथ लिए हैं। इस बार मोदी सरकार में गठबंधन दलों का अहम रोल है। वहीं, इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, अब 3 करोड़ PM आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो!

मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा कि, लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का “घर” संभालना पड़ रहा है।
17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने देश को “मोदी की गारंटी” दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। ये “गारंटी” तो खोखली निकली। अब 3 करोड़ PM आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो।

उन्होंने आगे लिखा कि, देश असलियत जानता है-इस बार इन 3 करोड़ घरों के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है, कोई deadline नहीं दी गई है, क्योंकि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस-UPA के मुक़ाबले पूरे 1.2 करोड़ घर कम बनवाए। कांग्रेस (2004-13) = 4.5 करोड़ घर, भाजपा (2014-24) = 3.3 करोड़ घर…मोदी जी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास – यानी 60% घरों का अधिकांश पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा। एक सरकारी बेसिक शहरी घर औसतन 6.5 लाख का बनता है, उसमें केंद्र सरकार केवल 1.5 लाख देते है। इसमें 40% योगदान राज्यों और नगरपालिका का भी होता है। बाक़ी का बोझ का ठीकरा जनता के सिर पर आता है। वो भी क़रीब 60% का बोझ। ऐसा संसदीय कमेटी ने कहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा कि, समाचार पत्रों से पता चला है कि नरेंद्र मोदी जी ने वाराणसी में जो “सांसद आदर्श ग्राम योजना” के तहत 8 गांवों को विकसित करने के लिए गोद किया था वहां ग़रीबों के पास, ख़ासकर दलित व पिछड़े समाज के पास अब तक पक्के घर नहीं पहुंचे। अगर कुछ घर हैं तो भी उनमें पानी नहीं पहुंचा है, नल तक नहीं है।

जयापुर में, जो मोदी जी द्वारा गोद लिया गया पहला गांव है, कई दलितों के पास घर और कार्यात्मक शौचालय नहीं हैं। नागेपुर में भी स्थिति ऐसी ही है-और इसके अलावा, सड़कें भी खराब स्थिति में हैं। परमपुर में पूरे गांव में नल लगे हैं लेकिन उन नलों में पानी नहीं है। पूरेगांव में पिछले दो महीनों से पानी की आपूर्ति नहीं थी। वहां कई दलित और यादव समाज के लोग मिट्टी के घरों में रहते हैं।

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