Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शनिवार देर रात आई रिपोर्ट में कहा गया कि कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में दंपती की हिस्सेदारी थी। हालांकि, इन आरोपों को दंपती पहले ही बेबुनियाद बता चुका है। वहीं, अब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के लोगों के हजारों करोड़ रुपये डूब गए। फर्जी कंपनी से हजारों करोड़ निकाले गए। अडानी कंपनी का शेयर बढाया गया। नई रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट में बताया गया था कि गौतम अडानी ने मनी लॉन्ड्रिंग करके हजारों करोड़ रुपए मॉरीशस में फर्जी कंपनियां बनाकर लगाए। इन्हीं फर्जी कंपनियों के जरिए अडानी कंपनी का शेयर बढाया गया।
वहीं जब इसकी पोल खुली तो देश के करोड़ों आम आदमी का आठ लाख 50 हजार करोड़ डूब गया। यह पैसा अडानी का नहीं बल्कि देश के आम लोगों का था। जब मैंने सदन में इसके खिलाफ आवाज उठाई और घोटाले का खुलासा किया तो मोदी सरकार ने मुझे जेल भेज दिया।
आप सांसद ने कहा कि हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में अडानी और सेबी के सांठगांठ की पोल खुल गई है। हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच का आदेश दिया। सेबी ने मई 2023 में कोर्ट को बताया, यह एक दिशाहीन जांच है। हुजूर गड़बड़ी तो हुई है लेकिन यह नहीं बता सकते कि यह गड़बड़ी किसने की है। सेबी और उसके अध्यक्ष ने कोर्ट में यह क्यों बोला, इसका खुलासा हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में हुआ है। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सेबी की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने 10 मिलियन डॉलर अडानी की उन्हीं कंपनियों में लगाए हैं, जिसकी सेबी को जांच करनी थी।